जिन्दगी के रंग दोस्तों के संग
सोमवार, 27 अक्टूबर 2025
इमली का पेड़
›
मुझे इमली या इमली के पेड़ ने कभी रिझाया नहीं , क्योंकि बहुत खट्टी चीजों के प्रति मेरा रुझान कभी नहीं रहा ; बल्कि वो मेरे दाँत ही खट्टे कर ...
10 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 26 सितंबर 2025
धुँधली सी राहें
›
नीरा बैठी याद कर रही थी कि उसका परिवार कितना खुशहाल था ।रवनीत के पिता एक बड़े ओहदे से रिटायर हुए थे ।घर में सुख-सुविधाओं की कोई कमी न थी ।रव...
शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2024
ये कैसा ऑब्सेशन
›
उमेश से शादी करके वो नई-नई उस गाँव में आई थी । घर के पीछे दूर जहाँ तक नज़र जाती थी , उनके खेत थे ।घर खुशहाल था , कहीं कोई कमी तो नज़र नहीं आ...
शनिवार, 28 मई 2022
पियक्कड़ों की दास्तान
›
रंजन बाबू के नाम के साथ बाबू तो बैंक में क्लर्क की नौकरी प्रारम्भ करते ही जुड़ गया था। बैंक के काम-काज चाहे वो ग्राहकों के अकाउंट से पैसे निक...
बुधवार, 21 जुलाई 2021
विधि का विधान
›
राजसागर के दोनों बेटों ने अभी स्कूल जाना शुरू ही किया था कि राजसागर की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई थी। वो पुलिस में ऊँचे ओहदे पर थे ,जमीन जा...
मंगलवार, 30 जून 2015
एक थी भिरावाँ
›
सोलह साल की छरहरी सी किशोरी , हाथ भर घूँघट काढ़े , लाज-शर्म से दोहरी होती जब डोली में बैठी ; तब यही सोच रही थी कि उसका नौशा तो बीस-बाइस साल...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 7 अप्रैल 2015
समय के साथ बहना
›
सुकान्त को जैसे ही पता चला कि मुझे साउथ इण्डियन डिशेज इडली डोसा वगैरह पसन्द हैं , उसने कहा " तो ठीक है दीदी , आज आपको रेलवे स्टेशन छोड़...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें